किचन गार्डन में आलू को लगने वाली बीमारियां और उनसे बचाव के उपाय
किचन गार्डन में आलू को लगने वाली बीमारियां और उनसे बचाव के उपाय
बीमारियां और उनसे बचाव के उपाय । आलू को कई खतरनाक बीमारियां भी लग जाती हैं, जैसे-ऐंठे का रोग, फंगना या संडी, बंगडी, खोखा, मुजेक आदि। ऐंठे रोग से ग्रसित आलू बढ़ नहीं पाता। कुंगना रोग से बीज ही अंकुरित नहीं हो पाता। बंगड़ी रोग कमजोर व रोगी बीज बोने से होता है। इन रोगों से बचने के लिए आलू के बीज को फफूंदनाशक दवाओं से उपचरित करके ही बोना । चाहिए।
कीड़े-मकोड़े भी आलू की फसल को हानि पहुंचाते हैं, जिनमें से एफिड्स, लीफ हापर्स, कटवर्क्स आदि मुख्य हैं। एफिड्स विषाणुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाकर उनसे रोग फैलाते हैं, जिससे पौधों। की पत्तियां घुमावदार हो जाती हैं और उनकी वृद्धि रुक जाती है। इससे बचाव के लिए पौधों पर पेराथियान, फालीडाल या निकोटिन सल्फेट जैसे कीटाणुनाशक प्रति सप्ताह छिड़कें।
लीफ हापर्स पत्तियों व तने के रस को चूसकर उसमें विषैले पदार्थ भर देता है, जिससे पौधा पीला पड़ जाता है। इसके बचाव के लिए पौधों पर डी० डी०टी०, एलिड्रन या पेराथियान जैसी कीटनाशक दवाएं छिड़कें। र कटवद्स आलू के छोटे-छोटे पौधों को भूमि के पास बनी जगह से नष्ट करते हैं। इसके बचाव हेतु 5 प्रतिशत डी० डी० टी० मिट्टी पर छिड़कें।
इनके अतिरिक्त अन्य कीड़े-मकोड़े भी आल को नुक्सान पहुंचाते हैं, जिन्हें नष्ट करने के लिए पीछे बताई गई कीटनाशक दवाएं आपकी काफी सहायता करेंगी।
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