किचन गार्डन में आलू के बीज बोने के लिए उपयुक्त समय
किचन गार्डन में आलू के बीज बोने के लिए उपयुक्त समय
बीज
फसल के लिए बीजों का स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है। अतः बीजों के लिए मजबूत और सख्त आलू ही चुनें। बीज वाले आलू का आकार 2 से 5 सेंटीमीटर व्यास का हो । बोने से पहले आलू को ठण्डे स्थान पर रख दें। दस दिनों के भीतर उसमें कल्ले फूट जाएंगे। तब ही उन्हें बोने के लिए प्रयोग में लाएं।
बीजों को नीरोग करने के लिए उन्हें ऐगलोन या एरेटान के 0.2 प्रतिशत घोल से उपचरित करें और फिर बोएं। ऐसा करने से आल स्वस्थ हो जाते हैं और उनमें अंकुरण भी शीघ्र होता है।
कब बोएं, कैसे बोएं
भारत के अधिकांश मैदानी इलाकों, जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली व हरियाणा आदि में आलू को सितम्बर के मध्य सप्ताह से अक्तूबर के प्रथम सप्ताह तक बोया जाता है। यदि आप इसकी उपज में अधिक रुचि रखते हों तो इसकी दूसरी फसल जनवरी से फरवरी के मध्य तक ली जा सकती है।
क्यारी तैयार कर लेने के पश्चात् अच्छी किस्म वाले बीजों को आप दो प्रकार से बो सकते हैं।
(1) समतल भूमि पर फसल के अच्छे उत्पादन की प्राप्ति होती है। आल के बीज को 5 से 7 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए। बीज से बीज की दूरी 15 से 17 सैंटीमीटर तथा लाइन से लाइन की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए। बोते समय भूमि में पर्याप्त नमी का रहना आवश्यक है।
(2) मेंड़ लगाकर क्यारियों में भी 60 सेंटीमीटर की दूरी पर 23 सैंटीमीटर चौड़ी व 15 सेंटीमीटर ऊंची मेंड़ बनाई जाती है, जिसमें 15 सेंटीमीटर के फासले से 5 से 7 सेंटीमीटर की गहराई में आलू को बोया जाता है।
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