आपका किचन गार्डन एवं कृत्रिम खाद को देने की विधियां
आपका किचन गार्डन एवं कृत्रिम खाद को देने की विधियां
कृत्रिम खाद, जैसे-अमोनियम सल्फेट, अमोनियम सल्फेट नाइट्रेट, यूरिया, कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट आदि को मिट्टी में देने के लिए कई विधियां प्रचलित हैं, क्योंकि भिन्न-भिन्न पौधों के लिए भिन्न-भिन्न विधियां ही प्रयोग में लानी पड़ती हैं। आगे दी गई विधियों द्वारा आप उन्हें पौधों की किस्मों के आधार पर प्रयोग में ला सकते हैं।
भारत में प्राय: दो मुख्यः प्रकार की विधियां ही प्रयोग की जाती हैं।
- छिटकवां विधि (Broad Casting Method)
- प्लेसमेन्ट विधि (Placement Method)।
छिटकवां विधि में क्यारी की अन्तिम खुदाई कर लेने के पश्चात् खाद को समान रूप से मिट्टी पर बिखेर दिया जाता है। यदि आपके पास खाद की मात्रा कम हो तो खाद व मिट्टी को 1 : 2 या 1 : 3 के अनुपात में मिलाकर बिखेर देना चाहिए।
प्लेसमेन्ट विधि में खाद को मिट्टी की 5 से 7 सैंटीमीटर गहराई पर प्रयोग किया जाता है। ऐसा करने से खाद की कम मात्रा की आवश्यकता पड़ती है। प्लेसमेन्ट विधि द्वारा खाद देने की अन्य विधियां निम्नलिखित
स्पाट प्लेसमेन्ट विधि-यह विधि दूर-दूर लगाए जाने वाले पौधों के लिए उपयुक्त रहती है। .
हिल प्लेसमेन्ट विधि गोभी आदि फसलों के लिए काम में ली जाती है। इसमें खाद का प्रयोग तने के चारों ओर मिट्टी चढ़ाकर किया जाता है।
रिंग प्लेसमेन्ट द्वारा खाद को दूर-दूर स्थानों पर लगाए गए पौधों के चारों ओर 5 से 7 सेंटीमीटर गहराई वाले भाग में दिया जाता है।
बीज नली द्वारा खाद को बड़े पैमाने वाली खेती में ही प्रयोग किया जाता है।
खादों को शुद्ध जल में घोलकर भी क्यारी में दिए जाने का प्रचलन है, लेकिन इसके लिए आपको स्प्रेयर (Sprayer) का भी प्रयोग करना पड़ेगा।
विज्ञान जैसे-जैसे प्रगति की ओर बढ़ रहा है, खेती के नए से नए साधन हमारे सामने आ रहे हैं। इसी प्रकार के साधनों में एक है राइजोबियम कल्चर । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने राइजोबियम नामक जीवाण को संवर्धित (Culture) करके कृषि क्षेत्र में नवीनता ला दी है। यह जीवाणु दाल वाली किस्मों की जड़ों तक पहुंचकर नाइट्रोजन को भूमि में बनाए रखने में सहायक होता है। इस कल्चर से भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि भी होती है। बाजार में यह "जवाहर कल्चर" के नाम से प्राप्त हो सकता है।
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