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    अपने किचन गार्डन में खाद का प्रयोग कब और कैसे करें

     
    When and how to use compost in your kitchen garden

    अपने किचन गार्डन में खाद का प्रयोग कब और कैसे करें

    खाद का प्रयोग कब और कैसे करें-खाद को मिट्टी में एक विशिष्ट अनुपात में ही दिया जाना चाहिए। जिस प्रकार आप अधिक भोजन को पचाने में असमर्थ होते हैं, उसी प्रकार अधिक खादयुक्त मिट्टी में पौधे भी अपना जीवन सुचारू रूप से नहीं चला पाते। अधिक खाद से मिट्टी में अधिक क्षारीयता या अम्लीयता भी उत्पन्न हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप पौधे अपनी रासायनिक क्रियाओं को कार्यरत बनाये रखने में असमर्थ रहते हैं।

            उत्तम किस्म की गोबर व कम्पोस्ट खाद में विद्यमान पोषक तत्व अघुलनशील अवस्था में ही पाए जाते हैं। अतः इन्हें घुलनशील अवस्था में लाने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि ये जीवाणुओं के साथ क्रिया करें। जीवाणु इस प्रकार की खाद को विघटन क्रियाओं द्वारा सरल उपलब्ध पोषक तत्वों में परिवर्तित कर देते हैं जो कि सरलता से पानी में घुलनशील होते हैं। घुलनशील पोषक तत्व ही पौधों द्वारा ग्रहण किए जाते हैं। इस सम्पूर्ण क्रिया को सम्पन्न होने में कुछ समय की आवश्यकता होती है। अत: फसल के लिए क्यारी तैयार करने के एक माह पहले ही खाद को मिट्टी में मिला देना चाहिए। गोबर व कम्पोस्ट की कच्ची खाद का प्रयोग फसल के लिए हानिकर होता है, क्योंकि इससे फसल में दीमक लगने का भय रहता है।

            गोबर या कम्पोस्ट खाद की तुलना में खली की खाद उत्तम रहती है, क्योंकि इसमें सड़ांध शीघ्र ही उत्पन्न होती है। इसका प्रयोग बीज बोने से 8-10 दिन पहले करना चाहिए, ताकि बीज बोते समय मिट्टी पूर्णतः तैयार हो । हां, बीज बोने के पहले खादयुक्त मिट्टी की पूरी सिंचाई अवश्य कर लें।

            कृत्रिम रूप से तैयार की जाने वाली खादों को बीज बोने के पहले. खुदाई करते समय या बीजों को बोते समय ही देना उचित रहता है, लेकिन नाइट्रोजनयुक्त खाद को उपरलिखित तीनों समय ही देना उपयुक्त रहता है। फासफोरस व पोटाशयुक्त खाद को पौधों की 5 से 7 सेंटीमीटर लम्बाई हो जाने पर ही देना चाहिए।

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