अपने किचन गार्डन के लिए नर्सरी और क्यारियां कैसे बनायें
अपने किचन गार्डन के लिए नर्सरी और क्यारियां कैसे बनायें
भूमि, खाद तथा जल जैसी प्रारम्भिक तैयारियां कर लेने के पश्चात अब आपको किचन गार्डन के विन्यास की ओर भी ध्यान देना है। विन्यास का अर्थ है किचन गार्डन के लिए जितनी भूमि उपलब्ध है, उसमें क्यारियां, नर्सरी, औजार रखने का स्थान आदि किस प्रकार बनाया जाए ताकि आप अधिकतम मूमि को प्रयोग में ला सकें।
किचन गार्डन का विन्यास सदैव योजनाबद्ध ही होना चाहिए, लेकिन साथ में यह भी देख लेना चाहिए कि खर्च इसकी उपयोगिता से अधिक न हो।
पौधों की सुरक्षा के संदर्भ में तो हम पहले ही काफी चर्चा कर चुके हैं। यहां हम कुछ अन्य आवश्यक बातों पर विचार कर रहे हैं।
किचन गार्डन के एक छोर से दूसरे छोर तक एक चौड़ा रास्ता होना चाहिए, जिससे आपको आने-जाने में कोई कष्ट न हो। यह रास्ता बाग के बीचों-बीच, उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसके साथ ही सिंचाई के लिए नालियों के निर्माण के दौरान दो बातों का ध्यान देना आवश्यक है-
- (1) पानी प्रत्येक क्यारी तक पहुंचे
- (2) सिंचाई के अतिरिक्त पानी की निकासी प्रत्येक भाग से हो सके।
नर्सरी तथा क्यारियों के लिए स्थान-नर्सरी तथा क्यारियां किचन गार्डन का महत्वपूर्ण अंग है, क्योंकि नर्सरी में ही क्यारियों के लिए छोटेछोटे पौधे तैयार किए जाते हैं । प्रायः पौधों की अच्छी व शीघ्र वद्धि के लिए उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरित किया जाता है । इस कार्य के लिए करीब 4-6 क्यारियों की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ पौषों को गमलों में तैयार करना पड़ता है, जिससे कि उन्हें आवश्यकतानुसार छाया या धूप में रखा जा सके। अत: नर्सरी में गमलों को रखने का उचित स्थान होना आवश्यक है।
नर्सरी में उन पौधों की देखभाल की जाती है जो कुछ ही दिनों के होते हैं। ऐसे पौधों की हर सुख-सुविधा का खयाल रखने पर ही आपकी नर्सरी की सफलता सम्भव है। नर्सरी की स्थिति का चुनाव करने से पहले आप यह अवश्य ध्यान में रखें कि जहां तक सम्भव हो नर्सरी का स्थान आपके किचन गार्डन के अन्य भागों से कुछ ऊंचा हो तथा नर्सरी की भूमि अधिक उपजाऊ एवं पोषक तत्वों से भरपूर तथा भौतिक, रासायनिक तथा जीवाणविक दृष्टि से सर्वोत्तम हो। इसके साथ ही नर्सरी की सुरक्षा का भी पूरा प्रबन्ध होना आवश्यक है।
नर्सरी के लिए स्थान का चुनाव कर लेने के बाद उस स्थान की मिट्टी को पूरा खोदें। फिर उसमें उपयूक्त मात्रा में खाद मिलाकर उसे समतल कर दें। वैज्ञानिकों का मत है कि नर्सरी के लिए सूखी पत्तियों की खाद सर्वोत्तम रहती है।
नर्सरी की क्यारियों का आकार निश्चित करना आपकी सुविधा पर निर्भर करता है। वैसे 3/4 मीटर चौड़ी व 5 मीटर लम्बी क्यारी अच्छी रहती है, लेकिन पौधों की किस्मों तथा जलवायु के आधार पर नर्सरी की क्यारियों का आधार बदला भी जा सकता है। यदि आप साग-सब्जियों के लिए नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो उनका आधार ऊपर से चपटा होना चाहिए और क्यारी के पास ही जल की निकासी के लिए उचित प्रबन्ध भी होना चाहिए। साग-सब्जियों के लिए क्यारियों की डोल को कुछ ऊपर उठा हुआ रखना चाहिए, क्योंकि बरसात के मौसम में पानी से पौधों की सुरक्षा करना बहुत आवश्यक है। बुआई कैसे करें 'क्यारियां बना लेने के पश्चात आप उनमें बीज बो सकते हैं। बीज को बीने का तरीका उनके आकार पर निर्भर करता है। यदि बीज बड़े आकार वाले हैं तो क्यारी में 10-10 सेंटीमीटर की दूरी पर एक-एक सैंटीमीटर गहरी नालियां बना लें और फिर उनमें बीज बोएं।
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