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    जाने कि किचन गार्डन में आलू बोने के लिए महत्वपूर्ण किस्में कौन कौन सी होती हैं

    Know which are the important varieties for planting potatoes in the kitchen garden


    जाने कि किचन गार्डन में आलू बोने के लिए महत्वपूर्ण किस्में कौन कौन सी होती हैं 

    आलू से सभी परिचित हैं, क्योंकि इसे तरकारियों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। इसे सर्वप्रथम दक्षिणी अमेरिका के चिली और पेरू प्रदेशों से भारत में लाया गया था। भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में इसे नैनीताल, मंसूरी, तथा पूना, अलमोड़ा, शिमला, नीलगिरी आदि स्थानों पर तथा मैदानी इलाकों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक व तामिलनाडु आदि क्षेत्रों में उगाया जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पंजाब में आल की दो फसलें तथा नीलगिरी में तीन फसलें ली जाती हैं। आलू में प्रायः सभी पोषक तत्त्व विद्यमान होते हैं।

    महत्वपूर्ण किस्में

    1. गोला-इसका आकार नाशपाती जैसा होता है और रंग हल्का पीला होता है।

    2. कुफरी कुंवर-इस किस्म को मैदानी व पहाड़ी दोनों ही क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। इसका आकार बड़ा होता है तथा सतह चिकनी व रंग क्रीम जैसा सफेद होता है। इसकी फसल शीघ्र ही यानी 90 से 105 दिनों में पक जाती हैं।

    3.कुफरी कुन्दन ये सबसे उत्तम किस्म है और अधिकांशत: पहाड़ी इलाकों के लिए उपयुक्त रहती है। इसकी सतह चिकनी, रंग सफेद, गुदा पीला व आकार बड़ा होता है। इसे सरलतापूर्वक संग्रह भी किया जा सकता है।

    4.कफरी नीलमणी-यह एक ऐसी किस्म है जिससे आल पूरे वर्षभर प्राप्त किया जा सकता है। इसका आकार बड़ा व स्वाद मीठा होता

    5. कुफरी चन्द्रमुखी या ए-2708-यह केवल 90 दिनों में तैयार होने वाली किस्म है। इस किस्म के आलू गोल या अण्डाकार, सफेद व आकर्षक होते हैं। ये अधिक दिनों तक संग्रहीत करने पर भी नहीं सड़ते। इनको जल्दी पकाया जा सकता है। पहाड़ी तथा मैदानी इलाकों के लिए यह उपयुक्त किस्म है।

    6. कुफरी अलंकार-मैदानी क्षेत्रों के किचन गार्डन के लिए ये किस्म सर्वथा उपयुक्त है। इस किस्म के आलू आकार में बड़े, अण्डाकार, चपटे तथा रंग में सफेद होते हैं। इसकी फसल भी 85 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है तथा इसका उत्पादन भी अन्य किस्मों से अधिक होता है। 37.कुफरी सिन्दूरी-यह किस्म भी मैदानी व पहाड़ी दोनों क्षेत्रों के लिए उत्तम है। इस किस्म के आलू गोल व गहरे गुलाबी रंग के होते हैं। इसकी फसल के पकने में 120 से 130 दिन लगते हैं। आधी नाइट्रोजनयुक्त मिट्टी में इसका उत्पादन अधिक होता है तथा इसे डोल पर बोया जाता है। र अभी हाल ही में कुफरी नवीन व कुफरी ज्योति किस्में भी अनुसन्धान क्षेत्र में तैयार की गई हैं, जो काफ़ी अच्छी साबित हो सकती हैं।

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