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    किचन गार्डन के लिए सही गमलों का चुनाव कैसे करें

     

    How to choose the right pots for the kitchen garden

    किचन गार्डन के लिए सही गमलों का चुनाव कैसे करें 

    गमले व उनके प्रकार 

    गमलों के अभाव से बाग़ का सौन्दर्य कान्तिहीन-सा प्रतीत होता है। गमलों में लगे पौधों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सरलता रहती है। उचित स्थान के अभाव से गमलों में बीज बोने में आसानी रहती है। जिनके घर पहली या दूसरी मंजिल पर होते हैं, वे भी गमलों में सब्जियां या फूल उगाकर बाग़बानी का आनन्द प्राप्त कर सकते हैं । गमले को पौधों के लिए तैयार करने में भी कम समय की आवश्यकता होती है।

    गमले कईआकार के होते हैं । सामान्यतः मिट्टी, सीमेन्ट, लकड़ी, लोहे तथा प्लास्टिक के गमले प्रयोग में लिए जाते हैं। वैसे आप अपनी सुविधा व पसन्द के अनुसार विभिन्न आकार के गमले कुम्हार से भी बनवा सकते हैं। यदि आप अपने ऊपर की मंजिल पर स्थित मकान में सब्ज़ियां आदि लगाना चाहें तो लम्बे आकार के पैकिंग में काम आने वाले बड़े-बड़े खोखों का प्रयोग कर सकते हैं। छतों पर लटकाने के लिए बाल्टी, नांद या मोटे बांस के गमले काम में ले सकते हैं। गमलों में प्रायः मौसमी पौधे ही लगाये जाते हैं।

    गमलों की मिट्टी को साल में कम से कम एक या दो बार अवश्य बदल लेना चाहिए, क्योंकि साल-भर में पौधों की जड़ें बहुत अधिक बढ़ जाती हैं, गमलों की मिट्टी में भोजन-तत्त्व समाप्त हो जाते हैं तथा मिट्टी में कई प्रकार के हानिकारक अम्ल भी उत्पन्न हो जाते हैं। ये सब पौधों की वृद्धि पर बुरा असर डालते हैं।

    गमले कैसे और कितने बनायें

    गमले का आकार आपके पास उपलब्ध स्थान तथा उसके नक्शे के अनुसार ही बनेगा। यदि आप बालकनी में गमले लगाना चाहें तो 80-80 सेंटीमीटर के गमले पर्याप्त होंगे। गमलों की गहराई 30 सेंटीमीटर तक रखी जा सकती है, क्योंकि सागसब्जियों के पौधों की जड़ें अधिक गहरी नहीं जाती। __ यदि आप स्थायी रूप से उस मकान में रहते हैं तो गमले सीमेन्ट के बनवाएं, क्योंकि ऐसे गमले काफी लम्बे समय तक आपका साथ ही देंगे। अस्थायी रूप से रहने वालों के लिए लकड़ी के खोखों का प्रयोग ही उचित रहता है, क्योंकि स्थानान्तरण के समय यदि ऐसे खोखों को वहां छोड़ भी दिया जाय तो भी विशेष हानि नहीं होती।

    यदि आप बड़े आकार वाले गमलों का प्रयोग न करना चाहें तो बाजार से छोटे आकार वाले मिट्टी के गमले खरीद कर भी किचन गार्डन लगा सकते हैं।

    बड़े शहरों में रहने वाले अधिकांश परिवार, जिनको छत की सुविधा प्राप्त है, छतों पर ही लकड़ी के खोखों को सीढ़ी-नुमा जमाकर साय सब्जियां उगा सकते हैं। ऐसे लम्बे गमलों में पौधे भी सरलता से उगाए जा सकते हैं। ऐसे गमलों को बनाने में व्यय भी कम लगता है और आप इनमें सुगमता से पानी भी दे सकते हैं।

    गमलों को बनाने के लिए आप चीड़ की लकड़ी का प्रयोग करें, गमलों को बनाते समय एक महत्त्वपूर्ण बात का ध्यान यह रखें कि प्रत्येक गमले में एक बड़ा छेद अवश्य हो, जिसमें कि एक रबर की नली लगी हो। इस प्रकार प्रत्येक गमले में रबर की नलियां लगी हों और उन सभी नलियों को इस प्रकार जोड़ा जाय कि गमलों से रिसने वाला पानी एक ही स्थान पर एकत्रित हो। नली के अंतिम सिरे को एक बाल्टी में छोड़ दें, जिससे उसी पानी का फिर से प्रयोग किया जा सके । ऐसा करने से आप पानी की बचत कर सकते हैं।

    छत पर आप वायु-अवरोधक पौधे नहीं लगा सकते । अतः कपड़ों के बने परदों को वायु-अवरोधकों के रूप में काम ले सकते हैं, लेकिन जहां तक संभव हो मोटे कपड़े वाले परदों का ही प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि वायु की तेज गति के कारण कपड़े के फट जाने का भय रहता है । परदों का प्रयोग उस समय ही करना चाहिए, जब वायु की गति तेज हो अन्यथा उन्हें हटा लें, क्योंकि परदों की छाया पौधों के लिए हानिकर हो सकती

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