किचन गार्डन में वायु अवरोधक पौधों का इस्तेमाल
जानिये किचन गार्डन के लिए पौधों की सुरक्षा के लिए किस प्रकार के वायु अवरोधक पौधों का इस्तेमाल करना चाहिए
स्थान की जलवायु का भी पौधों की वृद्धि पर प्रभाव पड़ता है। अतः जलवायु के अनुसार ही फूलों, फलों तथा सब्जियों को उगाने की योजना बनानी चाहिए। यदि उस स्थान पर अधिक ठंडी या तेज हवाएं चलती हों तो वायु अवरोधकों (Wind Bars) की व्यवस्था भी कर लेनी चाहिए।
वायु अवरोधक वास्तव में झाड़ीदार तथा दीर्घजीवी पौधे होते हैं, जिन पर ऋतुओं के परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ये नाज़क व छोटे पौधों की तेज हवाओं से रक्षा करते हैं। वायु अवरोधक पौधों में निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिएं। __
1. पौधे शीघ्र ही बढ़ने वाले हों, जिससे जल्दी बड़े होकर दूसरे पौधों की सुरक्षा कर सकें।
2. अधिक फैलने वाले हों।
3. झाड़ीनुमा या कांटेदार पौधे उपयुक्त अवरोधक बनते हैं।
4. इन पौधों को कम खाद व जल की जरूरत होनी चाहिए।
5. इन्हें कतार में लगाना चाहिए।
आम तौर पर बेर, बबूल, कमरख, शहतूत, थूजा आदि पेड़ों को ही वायु अवरोधक के रूप में लगाया जाता है। इन्हें सदा उत्तर से पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर ही लगाया जाना चाहिए।
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