किचन गार्डन में लहसुन के बीजों को बोने के लिए उचित समय
किचन गार्डन में लहसुन के बीजों को बोने के लिए उचित समय
बीज
अच्छी व चमकदार गांठों को छांटकर ही बोएं। यदि गांठें थ्रिप्स या फफंदग्रस्त हों तो उन्हें क्रमशः जिनेव व बोडों के मिश्रण से उपचरित करने के पश्चात् ही प्रयोग में लाएं। लहसुन को चीज के रूप में नहीं बोया जाता, बल्कि उसके जवे या तुरई बोई जाती हैं।
कब बोएं, कैसे बोएं
भारत के उत्तरी क्षेत्रों के मैदानों में इसे 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर के मध्य में उगाया जाता है। वैसे इसके उगाने का समय भी वही ठीक है जो प्याज का है।
लहसुन को बोने से पहले जवे या तुरी गांठों से अलग-अलग कर लिए जाते हैं । लहसुन की बुआई की तीन विधियां प्रचलित हैं-चोबाई करना, कुंडों में रोपाई करना और छिटककर बुआई करना। लहसुन के जवों को चोबाई के लिए क्यारी में सिंचाई की सुविधानुसार ही लगाना चाहिए। प्रत्येक जवे को 7.5 सेंटीमीटर की गहराई में 15-15 सेंटीमीटर की दूरी पर बोना चाहिए। मिट्टी में जवों को डाल देने के बाद उन्हें हल्की मिट्टी से ढक दें।
कंडों में रोपाई करने की विधि के अनुसार क्यारियों में-हाथ के छोटे निरायक (हो) की सहायता से--15-15 सेंटीमीटर की दूरी पर कंड तैयार किए जाते हैं तथा जवों को लगभग 7.5 सेंटीमीटर के अन्तर पर हाथ से डालकर मिट्टी से ढंक दें तथा इसके बाद पुनः क्यारी की सिंचाई कर दें।
छिटककर बुआई करने की विधि केवल बड़े खेतों के लिए ही उपयोगी रहती हैं।
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