जानिये कि किचन गार्डन लगाने के लिए कौन सी डिजाइन सबसे बेहतर होती है
जानिये कि किचन गार्डन लगाने के लिए कौन सी डिजाइन सबसे बेहतर होती है
किचन गार्डन लगाने के लिए कोई ऐसा विशेष नियम नहीं है कि अमुक डिजाइन के अनुसार ही उसे लगाया जाए। घर में उपलब्ध स्थान - तथा स्थिति के आधार पर ही डिजाइन बनाया जाना चाहिए, पर किचन गार्डन के डिजाइन के निर्माण की योजना बनाने से पूर्व निम्नलिखित पहलुओं का अवश्य ध्यान रखें।
1. धूप यानि सूर्य का तीव्र प्रकाश पौधों के भोजन का प्रमुख अंग है। - अतः आपके किचन गार्डन में पर्याप्त मात्रा में धूप का आना बहुत आवश्यक है। छायादार या अंधेरे स्थान में पेड़-पौधों की वृद्धि नहीं हो पाती। सुबह की धूप पौधों के लिए अत्युत्तम होती है, क्योंकि यह रातभर की ठंडी भूमि - को मरम कर, पोषों की दैनिक क्रियाओं को सुचारू रूप से कार्यरत करने में सहायक होती है।
2. जिस प्रकार मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए शुद्ध वायु की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार पौधों की वृद्धि के लिए भी शुद्ध वायु की आवश्यकता होती है । दूषित या कम वायु वाले स्थान में पौधों की वृद्धि रुक जाती है और पौषे पूर्णतः विकसित नहीं हो पाते।
3. यदि आप नया मकान बनवा रहे हैं तथा उसमें किचन गार्डन लगाने की योजना है तो इतना ध्यान अवश्य दें कि दक्षिण या पश्चिम दिशा खुली रहे । साथ ही जिस कमरे में आप अधिक समय तक रहें, उसकी खिड़कियां अन्दर से ही दक्षिण दिशा की ओर खुलें, जिससे कि माप बाहर गार्डन में लगे रंग-बिरंगे फूलों का आनन्द ले सकें।
4. डाइनिंग-रूम के पास ही यदि कुछ खाली स्थान उपलब्ध हो तो उसमें भी लान व फूलों को लगाया जा सकता है, जिससे सुबह या शाम खुली हवा में बैठकर चाय-नाश्ता लिया जा सके।
5. यदि रसोई के पिछवाड़े स्थान हो तो उसमें भी किचन गार्डन लगाया जा सकता है, लेकिन इसको लगाने के पूर्व यह अवश्य देख लें कि आपका किचन गार्डन कहीं कपड़े सुखाने के स्थान को तो नहीं रोक रहा
6. पानी की निकासी सरलता से हो।
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