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    अपने किचन गार्डन के फूलगोभी को बीमारियों से कैसे बचाएं एवं कौन से कीटनाशकों का प्रयोग करें

    How to protect your kitchen garden cauliflower from diseases and which pesticides to use


    अपने किचन गार्डन के फूलगोभी को बीमारियों से कैसे बचाएं एवं कौन से कीटनाशकों का प्रयोग करें 

    नर्सरी से पौधों को 4-6 सप्ताह तक बड़े हो जाने के बाद ही छोटी क्यारी में स्थानान्तरित करना चाहिए। फूलगोभी की जड़ें मिट्टी की 4560 सेंटीमीटर परत तक रहती हैं। अत: निराई-गुड़ाई के दौरान इन्हें अधिक गहरा नहीं खोदना चाहिए। पौधों को स्थानान्तरण करने के 4-5 सप्ताह पश्चात् ही निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। मौसम के पूर्व प्राप्त की जाने वाली फसल को सप्ताह में दो बार तथा अन्त में प्राप्त की जाने वाली फसल को सप्ताह में एक बार सिंचाई करनी चाहिए। पूर्णतः सफेद फल की प्राप्ति करने के लिए यह आवश्यक है कि फूल पर सूर्य का प्रकाश सीधे रूप में न आए, अतः इसके लिए फूलगोभी के पत्तों को ऊपर लेकर बांध देना चाहिए।

    बीमारियां और उनसे बचाव के उपाय

    फूलगोभी में मांहू, हरी झंडी आदि कीड़े बीमारियां फैलाते हैं। उनसे बचने के लिए साबुन और मिट्टी का तेल छिड़कना चाहिए। फफंद द्वारा भी बटिंग और बोल्टिग बीमारियां फैलती हैं। इनसे फल बिखरा हुआ और असामान्य आकार का हो जाता है। ये बीमारियां भूमि में नमी की कमी व अधिक गर्मी के कारण फैलती हैं। उपर्युक्त बीमारियों के अतिरिक्त फूलगोभी पर भूरी व लाल गलन, व्हिपटेल, अन्धता, काला क्षय (काली सड़न) आदि रोग भी फफूंद द्वारा ही फैलते हैं।

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