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    ऊसर भूमि के प्रकार एवं किचन गार्डन पर प्रभाव

    Types of waste land and effect on kitchen garden


    ऊसर भूमि के प्रकार एवं किचन गार्डन पर प्रभाव 

    अधिकांश पौधे सामान्य अम्लीय व क्षारीय माध्यम में उगते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने ममि की अम्लीयता व क्षारीयता को मापने के लिए एक इकाई का निर्धारण किया है जिसे PH (पी एच) कहते हैं। शुद्ध जल का PH 7 से कम होता है। जब किसी द्रव्य का PH 7 से कम होता है तब उसकी अम्लीयता बढ़ जाती है तथा इसी प्रकार जब किसी द्रव्य का PH 7 से अधिक होता है तब उसकी उसकी क्षारीयता बढ़ जाती है। उदाहरणार्थ 4 PH वाली मिट्टी 6 PH वाली मिट्टी से अधिक अम्लीय होगी। इसी प्रकार 10 PH वाली मिट्टी 8 PH वाली मिट्टी से अधिक क्षारीय होगी।

    साधारणत: ऊसर भूमि दो प्रकार की होती है। सफेद ऊसर भमि व काली ऊसर भूमि।

    सफेद ऊसर भूमि-भूमि की ऊपरी सतह पर जैसे-जैसे नमक का जमाव आरम्भ होता जाता है, वह सफेद होती जाती है। यह भूमि पारदर्शक व रवेदार होती है। जैसे-जैसे नमी भाप के रूप में उड़ती रहती है, यह पारदर्शक परत भी अपारदर्शक चूर्ण के रूप में परिवर्तित होने लगते हैं। ऐसी भूमि में कैलशियम, फासफोरस, पोटेशियम, क्लोराइड तथा सल्फेट जैसे अकार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं। 

    काली ऊसर भूमि-यह भूमि ऊपर से काली दिखती है, स्वभाव में अधिक क्षारीय होती है। इस भूमि में सोडियम कार्बोनेट तथा अन्य प्रकार के कार्बोनेट्स की मात्रा अधिक होती है। अत: ये भूमि में उपस्थित जीवों को स्वयं धुला कर भूमि को काली कर देते हैं।

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